Friday, September 4, 2009

मेरे बाद किधर जायेगी तनहाई

मेरे बाद किधर जायेगी तनहाई
मैं जो मरा तो मर जायेगी तनहाई


मैं जब रो रो के दरिया बन जाऊंगा
उस दिन पार उतर जायेगी तनहाई

तनहाई को घर से रुखसत कर तो दो
सोचो किस के घर जायेगी तनहाई

वीराना हूं आबादी से आया हूं
देखेगी तो डर जायेगी तनहाई

यूं आओ कि पाओं की भी आवाज़ ना हो
शोर हुआ तो मर जायेगी तनहाई

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